भाग–3 : F.O.C.U.S पद्धति के साथ विज्ञान किट आधारित प्रयोगात्मक शिक्षण

यह भी पढ़ें - 

भाग - 1 प्रस्तावना एवं F.O.C.U.S. पद्धति का अर्थ

भाग 2 विज्ञान किट की आवश्यकता एवं इसके घटक 

✍️ भाग–3 : F.O.C.U.S पद्धति के साथ विज्ञान किट आधारित प्रयोगात्मक शिक्षण

विज्ञान किट तभी प्रभावी होती है जब उसे सही पद्धति से उपयोग किया जाए। F.O.C.U.S पद्धति एक ऐसा मॉडल है, जिसमें बच्चा केवल देखने वाला नहीं बल्कि प्रयोग करने वाला, सोचने वाला और साझा करने वाला बनता है। आइए इसे विज्ञान किट से जोड़कर चरणबद्ध रूप में समझें।

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🔹 1. F – Find (खोजें)

इस चरण में बच्चों को खोजने और प्रश्न पूछने के लिए प्रेरित किया जाता है।

  • शिक्षक बच्चों से कोई सरल प्रश्न पूछ सकते हैं, जैसे –
    • क्या चुंबक सब धातुओं को आकर्षित करता है?
    • पौधे का कौन सा हिस्सा सबसे पहले निकलता है?
    • क्या हवा का वजन होता है?
  • बच्चे विज्ञान किट में से सामग्री चुनते हैं, जैसे चुंबक, बीज, बोतल या बल्ब।
  • यह चरण बच्चों की जिज्ञासा जगाने और प्रयोग का उद्देश्य तय करने के लिए है।

🔹 2. O – Observe (अवलोकन करें)

अब बच्चे प्रयोग करते हैं और उसे ध्यान से देखते व महसूस करते हैं।

  • उदाहरण : चुंबक केवल लोहे को आकर्षित करता है, तांबे या लकड़ी को नहीं।
  • बीज अंकुरण में पहले जड़ निकलती है, फिर तना।
  • जब बोतल को दबाया जाता है तो अंदर की हवा गुब्बारे को बाहर निकाल देती है।
    इस चरण में बच्चे अपनी इंद्रियों का उपयोग करके परिणामों को समझते हैं।

🔹 3. C – Connect (जोड़ें)

यह सबसे महत्वपूर्ण चरण है। यहाँ बच्चे जो देख चुके हैं उसे अपने जीवन और किताब की जानकारी से जोड़ते हैं।

  • चुंबक का प्रयोग उन्होंने बाज़ार में स्पीकर या मोटर में देखा होगा।
  • बीज अंकुरण को खेत या बगीचे में पौधे लगते हुए जोड़ा जा सकता है।
  • बिजली का बल्ब जलना उनके घर में पंखा, टीवी और मोबाइल चार्जिंग से जुड़ता है।
    इससे बच्चों को विज्ञान केवल किताब का हिस्सा नहीं बल्कि जीवन का हिस्सा लगने लगता है।

🔹 4. U – Use (प्रयोग करें)

अब बच्चों को जो ज्ञान मिला है उसे नई स्थिति में लागू करने के लिए प्रेरित किया जाता है।

  • चुंबक से वे छोटे पिन या कीलें इकट्ठा कर सकते हैं।
  • अंकुरित बीज से पौधशाला बना सकते हैं।
  • बोतल और स्ट्रॉ से मिनी पंप बना सकते हैं।
  • बैटरी–बल्ब से छोटा टॉर्च मॉडल तैयार कर सकते हैं।
    इस चरण में बच्चा सिर्फ सीखता ही नहीं बल्कि कुछ नया बनाता भी है।

🔹 5. S – Share (साझा करें)

अंत में बच्चा अपने प्रयोग और अनुभव को अन्य बच्चों व शिक्षक के साथ साझा करता है।

  • समूह चर्चा में बताएगा कि प्रयोग कैसे किया और क्या परिणाम मिला।
  • दीवार पत्रिका पर चित्र बनाकर चिपका सकता है।
  • छोटे वीडियो या प्रस्तुति बना सकता है।
    इससे बच्चे में आत्मविश्वास, भाषा कौशल और सहयोग भावना का विकास होता है।

उदाहरण : “चुंबक का प्रयोग” F.O.C.U.S पद्धति से

  1. Find – क्या चुंबक सब धातुओं को आकर्षित करता है?
  2. Observe – चुंबक लोहे को खींचता है, लेकिन एल्युमिनियम या तांबे को नहीं।
  3. Connect – घर के स्पीकर और मोटर में चुंबक का प्रयोग होता है।
  4. Use – चुंबक से गिरी हुई कीलें और पिन इकट्ठा करना।
  5. Share – बच्चों ने बताया कि चुंबक केवल फेरोमैग्नेटिक धातुओं पर काम करता है।

👉 इस भाग में हमने देखा कि F.O.C.U.S पद्धति को विज्ञान किट में कैसे लागू किया जा सकता है।

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